हिंदी पखवाड़े में ही आहत हुई हिंदी
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश भर में एक से 15 सितंबर 2010 के बीच हिंदी पखवाड़ा मनाया और इसी दौरान राजभाषा हिंदी को अपमानित और आहत होना पड़ा है। बुधवार को गृह मंत्री पी. चिदंबरम की अध्यक्षता वाली संसदीय राजभाषा समिति की बैठक में हिंदी की जगह अंग्रेजी की उपस्थिति पर न केवल हंगामा हुआ, बल्कि भाजपा सदस्यों ने तो अंग्रेजी दस्तावेज को फाड़ कर और बैठक का बहिष्कार कर विरोध भी दर्ज कराया। गृहमंत्री तो बैठक में आए ही नहीं। उनकी जगह अध्यक्षता कर रहे समिति के उपाध्यक्ष सत्यव्रत चतुर्वेदी ने अंग्रेजीदां अधिकरियों की जमकर खबर ली। संसदीय राजभाषा समिति की बैठक उस समय हंगामे में डूब गई जब कुछ दस्तावेज हिंदी के बजाय अंग्रेजी में पेश किए गए। बैठक के दौरान लोक कार्मिक व पेंशन विभाग के अधिकारी ने हिंदी में दस्तावेज मुहैया कराने में असमर्थता जताई और कहा कि मंत्रालय के पास हिंदी अनुवादकों की कमी है। जब सदस्यों ने याद दिलाया कि राजभाषा अधिनियिम की धारा 3 [3] के तहत हिंदी में दस्तावेज होना जरूरी है, अधिकारी ने जवाब दिया कि यह उनके मंत्रालय पर लागू नहीं होता। इसका भाजपा सांसदों ने कड़ा विरोध किया।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा सांसद रमेश बैस ने तो अंग्रेजी दस्तावेज को फाड़ कर फेंक दिया और इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। समिति की अध्यक्षता कर रहे उपाध्यक्ष सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि वह कार्रवाई की सिफारिश करेगें। भाजपा सांसद प्रभात झा ने कहा कि जब हिंदी पखवाड़े में ही हिंदी का अपमान मंत्रालय द्वारा किया जाएगा, तब राजभाषा समिति की बैठक में उनके रहने का क्या औचित्य है। इसके बाद भाजपा के सदस्य बैठक से बहिर्गमन कर गए। समिति के अध्यक्ष होने के बावजूद गृहमंत्री पी. चिदंबरम बैठक में आए nahi . pichle sal aae the par bhasan angregi maim diya thaa .
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